बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है। रोक के बावजूद धड़ल्ले से प्रदेश में बजरी खनन हो रहा है।
अवैध बजरी परिवहन करता बजरी से जुड़े वाहनों को घेरा ग्राम वासियों ने
कनाना गाव में आमजन द्वारा खनन माफियाओं के वाहनों को घेरकर रोका फिर भी प्रशासन जागने को तैयार नहीं।
जिले में हो रहे अवैध खनन पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। अवैध खनन की शिकायतें करने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अब अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बालोतरा से करीब दस पन्द्रह किलोमीटर की परिधि में आये निकटवर्ती गांव कनाना लूणी नदी से हर दिन रात खननकर्ताओं के ट्रेक्टर ट्रक और जेसीबी द्वारा पूरे रात दिन बजरी का अवैध परिवहन करते दिखाई दे रहे है लेकिन इन खननमाफियाओं को रोक टोक नहीं है और न ही आला प्रशासन अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है। साथ ही ट्रैक्टर चालकों के पास न तो वाहन के कागजात होते हैं और न ही चलाने का लाइसेंस ओर अवैध परिवहन के दौरान चलाने की इतनी तेज रफ्तार और लापरवाही के चलते सड़क दुर्घटना हो रही है जिस पर प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक के बावजूद अवैध रूप से बजरी खनन जारी है। प्रशासनिक निगरानी के अभाव में खनन माफिया के हौसले बुंलद है।जिस कारण दिन के उजाले में भी बजरी माफिया अवैध रूप से ट्रैक्टरों और ट्रकों के माध्यम से निर्माण स्थलों पर बजरी पहुंचा रहे है।खबरों के मुताबिक जिले में कई जगह बहने वाली नदी में बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा हो रहा है। इसके अलावा बालोतरा उपखंड क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर है।
सरकार के द्वारा पाबंदी होने के बावजूद भी ये खननमाफ़िया बजरी को दोगुने दाम वसूल कर रहे है। न तो इन पर प्रशासन या अधिकारियों का ध्यान जाता है और न ही इन पर कार्यवाही होती है। उपखंड के आसपास के गांवों मे हर जगह बजरी के भरे अवैध ट्रैक्टर दिख रहे है लेकिन क्षेत्र को विशेष सुरक्षा प्राप्त श्रेणी में रखते हुए बजरी माफियाओ पर प्रशासन कोई लगाम नही लगा पा रहे है।
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